1. रीगनवाद-थैचरवाद को हम नव्य आर्थिक उदारतावाद के नाम से जानते हैं । 2. रीगनवाद-थैचरवाद को हम नव्य आर्थिक उदारतावाद के नाम से जानते हैं । 3. आर्थिक उदारतावाद की तरह यौन आकांक्षाओं के भाषाई इज़हार में भी उनकी उदारता सीमाऍं नहीं देखती.4. आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल व्हिलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफ़ल हुई है।5. आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल व्हिलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफ़ल हुई है।6. आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल व्हिलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफ़ल हुई है।7. इसका कारण भी वे खोजते हैं और बताते हैं कि ग्लॉबलाइजेशन और आर्थिक उदारतावाद से मध्य वर्ग का नजरिया बहुत बदल गया है। 8. ध्यान रहे रीगनवाद-थैचरवाद को हम नव्य आर्थिक उदारतावाद के नाम से भी जानते हैं और भारत में इसके जनक नरसिंहाराव-मनमोहन सिंह रहे हैं। 9. सन् 1980 के बाद से कांग्रेस ने जब से नव्य आर्थिक उदारतावाद का मार्ग चुना है उसके कारण उपभोक्तावाद की नयी आंधी आयी है। 10. भारत में सांसदों-विधायकों के पास नव्य आर्थिक उदारतावाद के जमाने में जितनी तेजगति से व्यक्तिगत संपत्ति जमा हुई है वैसी पहले कभी जमा नहीं हुई थी।